श्याम स्मृति वन पर्यावरण एवं जन कल्याण समिति ने किया एक पेड़ मां के नाम कार्यक्रम का आयोजन, वन हैं तो जीवन हैं, एक पेड़ माँ के नाम- गंगोत्री विधायक
उत्तरकाशी (वीरेंद्र नेगी)- सावन माह शुरू होते ही जंहा पहाड़ी व मैदानी क्षेत्रों में लगातार बरसात का असर देखने को मिल रहा है। बात करें पहाड़ी क्षेत्र उत्तकाशी जिले की तो यह क्षेत्र अति संवेदन शील क्षेत्र है। वहीं भूस्खलन की घटनाएं सामने आती रहती है।
श्याम स्मृति वन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ध्येय वाक्य एक वृक्ष मां के नाम का सभी सम्मानित पदाधिकारी और उपस्थित व्यक्तियों द्वारा वृक्षारोपण कर अपना योगदान दिया। अपने संबोधन में गंगोत्री विधायक द्वारा सभी को प्रधानमंत्री द्वारा दिए ध्येय वाक्य एक वृक्ष अपनी मां के नाम लगाने का संकल्प के साथ ही उसे संरक्षण एवं संवर्धन का भी संकल्प लिया व दिलाया।
गंगोत्री विधायक का कहना है कि पर्यावरण की रक्षा के लिए यह कार्य आज के मानव के लिए परम आवश्यक है जो आने वाले भविष्य हेतु पर्यावरण की रक्षा के लिए आवश्यक है साथ ही इस श्याम स्मृति वन एवं पर्यावरण समिति तथा हिमालय प्लांट बैंक के संस्थापक/अध्यक्ष प्रताप पोखरियाल पर्यावरण प्रेमी के विगत 21 वर्षों से वरुणावत तलहटी में तैयार किए गए इस मिश्रित वन एवं 300 प्रजाति के विभिन्न पादपों का एक ही छत के नीचे तैयार करने पर बहुत-बहुत शुभकामनाएं एवं बधाई दी।
गंगोत्री विधायक ने कहा प्रताप पोखरियाल द्वारा तैयार किए गए इस वाटिका को विभिन्न शोध छात्रों, वैज्ञानिकों, विद्यालय के अध्ययन रत विद्यार्थियों को यहां पर पधार कर ज्ञान अर्जित करने की भी प्रेरणा दे रहे हैं। साथ ही यह भी प्रयास किया जायेगा की हम सरकार के स्तर से प्रताप पोखरियाल पर्यावरण प्रेमी के इस नेक कार्य में क्या सहायता कर सकते हैं। इसका भी प्रयास मेरे द्वारा किया जाएगा।
इस कार्यक्रम में राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ महेंद्र पाल परमार,समाज सेवी नागेंद्र थपलियाल,वचन लाल घलवान, मुरली मनोहर भट्ट सहायक अध्यापक, शिवराज सिंह पवार रवि पवार, इतवार सिंह राणा, नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के लगभग 40 प्रशिक्षणार्थियों ने इस आयोजन को सफल बनाने में अपना योगदान दिया.साथ ही महिलाओ में रजनी चौहान, रामा डोभाल,असवाल, वीना पोखरियाल,सेवा निवृत सहायक अध्यापिका के साथ ही सुकेश नौटियाल, सुरेश भंडारी, गोविंद गुसाईं, मनोज चौहान,कन्हैया रमोला, ललित रावत, एवं
अन्य अन्य कई लोगों की उपस्थिति रही, जिन्होंने एक-एक वृक्ष अपने माता पिता के नाम रोपित किया।