आज भी अपेक्षित है राज्य आंदोलनकारी- विजेंद्र पुंडीर
मसूरी- उत्तराखंड राज्य को बने भले ही 23 वर्ष से अधिक हो गये हो, लेकिन आज भी चिन्हित राज्य आंदोलनकारी के आश्रित पेंशन तक के लिए तरस रहे है। ऐसा ही एक मामला मसूरी का है जिसमें जोत सिंह कंडारी मसूरी गोलीकांड के दिन घायल हो गये थे जिनका चिन्हीकरण भी हो चुका था और तत्कालीन प्रदेश सरकार ने घायल और सात दिन जेल गये आंदोलन कारियों को नौकरी और पेंशन देने का शासनादेश जारी किया था। लेकिन शासनादेश से पहले ही उनकी मृत्यु हो गई, लेकिन आज तक उनकी आश्रित पत्नी को नौकरी तो दूर पेंशन तक नहीं मिल रही है। इस संबंध में राज्य आंदोलनकारी के भाई राजेंद्र कंडारी ने बताया कि वह पिछले बीस साल से लगातार शासन प्रशासन और मुख्यमंत्रियों के चक्कर काटते काटते थक गए। लेकिन उनकी विधवा को आज तक पेंशन नहीं मिल पायी। वहीं राज्य आंदोलनकारी विजेंद्र पुंडीर ने कहा कि आज भी राज्य आंदोलनकारी उपेक्षित है और सरकार द्वारा चिन्हीकरण और पेंशन के लिए दर-दर भटक रहे हैं।