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सुप्रसिद्ध श्री कृष्ण स्वरूप भगवान कांगड़ा नागराज की डोली पारंपरिक वाद्य यंत्रों की गूंज के बीच कांगड़ा धाम पहुंची 

सुप्रसिद्ध श्री कृष्ण स्वरूप भगवान कांगड़ा नागराज की डोली पारंपरिक वाद्य यंत्रों की गूंज के बीच कांगड़ा धाम पहुंची 

थौलधार (सुनील जुयाल) – विकासखंड थौलधार  के अंतर्गत सुप्रसिद्ध श्री कृष्ण स्वरूप भगवान कांगड़ा नागराज की डोली कृतिका नक्षत्र के शुभ लग्न पर अपने शीतकालीन प्रवास ग्राम पंचायत पन्दोगी से विधि विधान के साथ पारंपरिक वाद्य यंत्रों की गूंज के बीच कांगड़ा धाम पहुंची। जहां पर सभी भक्तजनों द्वारा अपने आराध्य देव से आशीर्वाद प्राप्त किया भगवान नागराज  अपने भ्रमण के लिए दो दिवस रात्रि ग्राम इडियांन में प्रवास करते हैं जहां पर सभी ग्रामवासियों के द्वारा पंचायती मंडन व भंडारे का आयोजन करते हैं। अगले दिन कांगुड़ा नागराज भगवान की डोली मन्दिर प्रांगण में आए हुए सभी भक्तजनों की सेवा स्वीकर राशु तांन्दी, से  प्रसन्न होकर अपने रात्रि प्रवास के लिए अपने मामा कोट मंजरूवाल गांव के लिए के लिए जाते है जाह पर सभी भक्तजनों, ग्राम वासियों द्वारा कांगुड़ा नागराज भगवान का भव्या स्वागत किया जाता है साथ ही गांव के सभी लोगों के सहयोग से गांव में भंडारे, पंचायती मंडाण, भगती गीत का आयोजन किया जाता है। पंचायती मंडाण में गांव के सभी पंचनाम देवो के साथ भगवान नागराज अवतारित होते हैं और अपना आशीर्वाद देते हैं।

मान्यता है कि भगवान नागराज की डोली ,पसवा , पुजारियों के पास क्षेत्र के सभी लोग खुशहाली के लिए प्रार्थना करते हैं तथा समय-समय पर क्षेत्र में सूखा पड़ जाने के कारण भगवान नागराज से बारिश करवाने की प्रार्थना करते हैं और भगवान कांगड़ा नागराजा प्रश्न होकर सभी की मन्नत पूर्ण करते हैं
अगले दिन मंजरूवाल प्रवास के बाद डोली मन्दिर प्रांगण में थौलू मेला खेल कर अपने अगले प्रवास के लिए भंडारकी, सेंदणा, मैंण्डखाल, गांव में प्रवास के बाद गंगा स्नान करने के लिए 9या 11दिन तरियासौड के लिए प्रस्थान करती है तथा रात्रि प्रवास ग्राम पंचायत जसपुर में होता है अगले दिन गंगा स्नान के बाद डोली कंडीसौड़, सुनार गांव धरवा गांव, नकोट गुसाईं, बगोड़ी,कैलाठुंगा, खमोली, धमाड़ी पगारी आदी गांव में अपना आशीर्वाद देने व रात्रि प्रवास के लिए प्रस्थान करती है।

कांगुड़ा नागराज डोली के आगमन का दिनवार जैसे ही निश्चित होता है तो हर गांव की  धियाणी, हर गांव के व्यक्ति जो गांव से बाहर निवास करते हैं सभी अपने आराध्या देव भगवान कांगड़ा नागराज के दर्शान के लिए छूटी लेकर अपने अपने गांव घर आते हैं।

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